1969 में छोटे स्तर पर शुरू की गई बनास डेयरी आज दूध प्रोडक्शन में एशिया का नंबर एक पर है। बनास डेयरी के उत्पाद बनास, सागर और अमूल के नाम से बाजार में हैं।
खास बात ये है कि 1969 में बनास डेयरी की नींव डालने के महज चार साल बाद 1973 में गलबाभाई दुनिया छोड़ गए, लेकिन उनकी दूरदर्शिता ने चार साल में ही एक ऐसी बुनियाद रख दी थी, कि दुनिया आज उन्हें श्वेत क्रान्ति का जनक कहती है।
खास बात ये है कि 1969 में बनास डेयरी की नींव डालने के महज चार साल बाद 1973 में गलबाभाई दुनिया छोड़ गए, लेकिन उनकी दूरदर्शिता ने चार साल में ही एक ऐसी बुनियाद रख दी थी, कि दुनिया आज उन्हें श्वेत क्रान्ति का जनक कहती है।
रेगिस्तान का इलाका होने के कारण बनासकाठा में कभी बेहद गरीबी थी, लेकिन बनास डेयरी के क्षेत्र में आने के बाद क्षेत्र में जो खुशहाली आई, उसके लिए पूरा क्षेत्र गलबाभाई को याद करता है।
Summary
DescriptionGalbabhai Nanjibhai Patel.jpg
English: Galbabhai Nanjibhai Patel - Social Leader of Banaskantha District (Gujarat) . He is a founder chairman of well-known Banas Dairy, Palanpur. His native place is Nalasar village of Vadgam Taluka.
to share – to copy, distribute and transmit the work
to remix – to adapt the work
Under the following conditions:
attribution – You must give appropriate credit, provide a link to the license, and indicate if changes were made. You may do so in any reasonable manner, but not in any way that suggests the licensor endorses you or your use.
share alike – If you remix, transform, or build upon the material, you must distribute your contributions under the same or compatible license as the original.