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Kumudni Rakesh Daultabad | |
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[[File:Kumudni Rakesh Daultabad.png|thumb|कुमुदनी राकेश दौलताबाद का जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा की अद्वितीय कहानी है। उनका | |
Bashapur MLA Candidate. 2024 | |
Constituency | Badshahpur |
Preceded by | Rakesh Daultabad |
Personal details | |
Born | 26-04-1980 |
Nationality | Indian |
Political party | Independent |
Spouse | Rakesh Daultabad |
Relations | Husband |
Children | Milind Rakesh Daultabad,Dev Jangu |
Residence | Gurgaon |
Occupation | Politicain |
Profession | Politicain |
कुमुदनी राकेश दौलताबाद: संघर्ष, सेवा और समर्पण की अद्वितीय कहानी
editकुमुदनी राकेश दौलताबाद का जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा की अद्वितीय कहानी है। उनका जन्म 26 अप्रैल 1978 को दिल्ली के
दसघरा गांव में हुआ। उनके पिता, वेद चौधरी, का तब देहांत हो गया जब कुमुदनी जी दसवीं कक्षा में थीं। इतनी कम उम्र में पिता का साया उठ जाना उनके लिए एक बड़ी त्रासदी थी। उनकी माता, सुनीता चौधरी, एक गृहिणी है, जिन्होंने कुमुदनी जी को साहस और दृढ़ता के साथ जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
प्रारंभिक शिक्षा और पेशेवर जीवन
कुमुदनी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के अपने गाँव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति उनका लगाव था। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी किया और एक सफल फैशन डिजाइनर के रूप में कार्य किया। इसके साथ ही उन्होंने नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) का कोर्स भी किया।
वैवाहिक जीवन और उच्च शिक्षा
10 फरवरी 2000 को कुमुदनी जी की शादी राकेश दौलताबाद जी से हुई। शादी के बाद भी उनका पढ़ाई का शौक कम नहीं हुआ। उन्होंने रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान एवं हिन्दी साहित्य, दोनों विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
समाज सेवा में योगदान
राकेश जी के साथ आने के बाद कुमुदनी जी पूरी तरह से समाज सेवा में समर्पित हो गईं। उनके पति, राकेश जी, व्यवसाय से जुड़े हुए थे और समाज सेवा के लिए परिवर्तन संघ नामक एक एनजीओ भी चलाते थे। शादी के बाद कुमुदनी जी ने भी स्वयं को परिवर्तन संघ के साथ जोड़ लिया। उन्होंने समाज के जरूरतमंद वर्ग के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई, जैसे आर्थिक मदद, चिकित्सा सहायता, महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता आदि। साथ ही उन्होंने सैकड़ों गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए भी मदद का हाथ बढ़ाया।
व्यक्तिगत रुचियाँ और पर्यावरण प्रेम
कुमुदनीजी की पर्यावरण तथा वन्य जीवन सम्बन्धी विषयों में काफ़ी रुचि है। उनकों जानवरों के प्रति विशेष लगाव है, जिसके चलते उन्होंने 10 से अधिक पेट्स अपने घर में पाल रखे हैं। उन्हें किताबें पढ़ने का भी काफी शौक है। अपने खाली समय में गार्डनिंग (बागवानी) भी करती हैं और अब तक सैकड़ों पौधे रोपित कर चुकी हैं।
कम्यूनिटी सर्विस और एनजीओ सहयोग
गौ-सेवा को अपने जीवन का एक प्रमुख कर्तव्य मानते हुए, कुमुदनीजी हर हफ्ते गौशालाओं में जाकर गायों की भी सेवा करती हैं। साथ ही साथ गुड़गाँव के कई एनजीओस् के साथ जुड़कर वह समाज के गरीब बच्चों के आर्थिक व सामाजिक विकास हेतु कार्यरत भी हैं। कुमुदनीजी एक दृष्टिहीन विद्यालय से जुड़ी हुई है, जहां वह अपना हरेक जन्मदिन मनाती हैं और उन बच्चों को अपने हाथों से खाना भी खिलाती हैं। उस स्कूल की कई मूलभूत जरूरतें भी कुमुदनी जी के द्वारा पूरी की गई हैं।
अद्वितीय सेवा भावना
यतन एनजीओ, जो कि भारत में वंचित बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था है, कुमुदनीजी ने उन्हें हाल ही में एक वाटर कूलर दान किया है। इसके अलावा, Fhamrock फुटबॉल अकादमी में गरीब खिलाड़ियों को नियमित रूप से पोषक आहार जैसे अंकुरित चनें (स्प्राउट), फल आदि मुहैया कराती हैं। कुमुदनी जी की सेवा भावना और समाज के प्रति उनका समर्पण उन्हें एक अद्वितीय समाज सेविका के रूप में प्रस्तुत करता है।
उनकी यह विशिष्टताएं उन्हें बादशाहपुर के लोगों के लिए एक मजबूत और प्रेरणादायक नेता बनाती हैं। राकेश दौलताबाद के असामयिक निधन के बाद, कुमुदनी जी ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने समाज सेवा और राजनीति में अपने कदम बढ़ाए और अपने पति के अधूरे सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हो गईं।
राकेश दौलताबाद: एक समाजसेवी की विरासत
राकेश दौलताबाद, "परिर्वतन संघ" नाम के एक गैर-लाभकारी संगठन के संस्थापक थे। यह संगठन 1997 से सामाजिक सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है। राकेश जी का जन्म हरियाणा के गुरुग्राम जिले के गाँव दौलताबाद में हुआ था, और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुरुग्राम में ही पूरी की।
शुरुआती जीवन और करियर
1997 में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, राकेश जी ने फेब्रिकेशन का अपना खुद का लघु व्यवसाय शुरू किया। अपनी व्यवसायिक सूझ-बूझ और मेहनत से उन्होंने मैनपॉवर सर्विस के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम कमाया। फॉर्च्यून 500 कंपनियों के साथ काम करते हुए उन्होंने समाज सेवा में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सामाजिक योगदान
राकेश जी ने अपने जीवन को समाज के जरूरतमंद वर्ग की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने गुरुग्राम और उसके आसपास स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अनेक प्रयास किए। "परिर्वतन संघ" के माध्यम से उन्होंने 24X7 एम्बुलेंस सेवाएं, नेत्र जांच शिविर, रक्तदान शिविर, और ऑपरेशनों में सहायता प्रदान की। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए और गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा और स्टेशनरी प्रदान की।
राकेश दौलताबाद के विधायक के तौर पर महत्वपूर्ण योगदान
राकेश दौलताबाद ने बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनसे क्षेत्रवासियों का जीवन स्तर ऊंचा हुआ और उन्हें नई सुविधाएं मिलीं। उनके उल्लेखनीय कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
1. कृषि उद्यमिता संस्थान की स्थापना:
राकेश जी ने कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक कृषि उद्यमिता संस्थान की स्थापना की। बादशाहपुर विधानसभा के दौलताबाद गांव में द्वारका एक्सप्रेसवे के एकदम नजदीक, Institute of Agripreneurship का निर्माण किया जा रहा है। यह संस्थान किसानों के बेटों को खेत से लैपटॉप तक जोड़ने का अद्वितीय प्रयास है। राकेश जी का कहना था कि जब खेतों से कंप्यूटर शिक्षा तक जायेगें तभी, नोटों की बारिश होंगी।
यहां एग्रीकल्चर से संबंधित विभिन्न उत्पादों के माध्यम से लाखों-करोड़ों रुपये कमाने की कला सिखाया जाएगा। इस संस्थान में सिखाया जाएगा कि कैसे बिजनेस किया जाता है, फंडिंग कैसे जनरेट होती है, प्रॉफिट कैसे कमाए जाते हैं, और बिजनेस पार्टनर कैसे ढूंढे जाते हैं। अनाज, फल, और सब्जी से कैसे उत्पाद बनाए जा सकते हैं
हमारे किसान मंडी में एक फसल बेचकर ₹2 कमाते हैं, लेकिन उसी फसल को फर्निश्ड प्रोडक्ट बनाकर वे ₹200 तक कमा सकते हैं। 2 से 200 तक का यह सफर पूरा करने के लिए यहां आवश्यक स्किल्स सिखाई जाएंगी।
इस संस्थान का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके आर्थिक स्थिति को सशक्त करना है। विधायक जी के प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम था , जिससे किसानों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।
2. 5600 एकड़ भूमि विवाद का समाधान:
राकेश दौलताबाद ने अपने क्षेत्र में 5600 एकड़ भूमि विवाद का समाधान कर किसानों को उनका अधिकार दिलाया। इस कदम से किसानों में विश्वास बढ़ा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।
3. मां शीतला हॉस्पिटल का निर्माण:
गुड़गांव का पहला वर्ल्ड क्लास हॉस्पिटल, शीतला माता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, तैयार हो रहा है। यहां हर साल 150 बच्चों को एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जाएगी। इस अत्याधुनिक अस्पताल में 883 बेड की सुविधा है, और यह कैंसर सहित सभी गंभीर बीमारियों का इलाज करेगा। अस्पताल में हॉस्टल, अच्छे घर, और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी होगा। विधायक जी ने इस मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया है, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
4. कच्ची कॉलोनियों का विकास:
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई कच्ची कॉलोनियों को पक्की कराई, जिससे लोगों को बेहतर आवास सुविधा मिली। इस पहल से क्षेत्र की सफाई और सौंदर्य में भी सुधार हुआ।
5. भवानी एंक्लेव में 21 प्लॉटों पर हक दिलाना:
भवानी एन्क्लेव में 21 प्लॉटों पर लोगों को उनका हक दिलाने का कार्य विधायक राकेश दौलताबाद के प्रमुख योगदानों में से एक है। इस कार्य ने क्षेत्र के कई निवासियों को उनके कानूनी अधिकार दिलाने में मदद की है, जो पहले से लंबित थे। इस पहल से क्षेत्र में न्याय और समृद्धि की भावना को मजबूत किया गया है, जिससे निवासियों में विधायक राकेश दौलताबाद के प्रति विश्वास और समर्थन बढ़ा है।
6. तीर्थ यात्राओं का आयोजन:
उन्होंने हजारों लोगों को हरिद्वार और खाटू श्याम की तीर्थ यात्रा पर भेजा, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक स्तर पर क्षेत्रवासियों को नई ऊर्जा मिली। इन यात्राओं से लोगों में सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का भाव भी प्रबल हुआ।
राकेश दौलताबाद के इन कार्यों ने न केवल बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र को विकास की नई दिशा दी, बल्कि उन्होंने क्षेत्रवासियों के दिलों में एक सच्चे और समर्पित नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनके योगदान को आज भी क्षेत्रवासी गर्व के साथ याद करते हैं।
महिलाओं और बच्चों के लिए प्रयास
राकेश जी ने गुरुग्राम में विभिन्न स्थानों पर सिलाई केंद्र और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए। उन्होंने कॉलेज जाने वाली 400 से अधिक छात्राओं को मुफ्त परिवहन सुविधा प्रदान की ताकि वे शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी समस्या का सामना न करें। इसके अलावा, वे कन्यादान और अन्य सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से योगदान देते रहे।
खेल और युवा विकास
राकेश जी ने प्रतिभाशाली युवाओं के लिए निःशुल्क खेल अकादमी की स्थापना की और आर्थिक रूप से असक्षम खिलाड़ियों के लिए प्रोफेशनल प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने 500 से अधिक शारीरिक रूप से असक्षम लोगों को तिपहिया, व्हीलचेयर, बैसाखी, और कृत्रिम अंग मुहैया कराए।
कुमुदनी जी का नेतृत्व
राकेश दौलताबाद के असामयिक निधन के बाद, कुमुदनी जी ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने समाज सेवा और राजनीति में अपने कदम बढ़ाए और अपने पति के अधूरे सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हो गईं।
कुमुदनी राकेश दौलताबाद की जीवनी न केवल उनके संघर्ष और सेवा भावना को दर्शाती है, बल्कि उनके पति राकेश जी की विरासत को भी सम्मानित करती है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा नेता वही होता है जो समाज के हर वर्ग के साथ खड़ा हो और उनकी समस्याओं का समाधान करे।
References
edit{{"पूरा बादशाहपुर हमारा परिवार, इसकी देखबाल करना हमारी जिम्मेदारी". Live Hindustan. 4 August 2024. Retrieved 4 August 2024.}}