विशिष्ट वर्ग के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के अन्य सक्षम और - संविधान का अनुच्छेद 46 प्रावधान करता है कि राज्य समाज के कमजोर वर्गों में शीक्षित और आर्थिक हितों विशेष अनुसूचित जनजाति का विशेष ध्यान रखेगा ' शिक्षित संस्थानों मे आरक्षण का प्रावधान अनुच्छेद 15(4)में दिया गया है / जबकि पदों एवं सेवाओं मे आरक्षण का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 16(4)'16(4 क) और 16(4 kha), मे किया गया है / विभिन्न क्षेत्रों के अनुसूचित जनजातियों के हितों एवं अधिकारों को संरक्षण एवं उन्नत करने के लिए संविधान के कुछ अन्य प्रावधान भी सामिल किए गए हैं जिससे कि वे राष्ट्र की मुख्य धारा में जुड़ने मे समर्थ हो सके | अनुच्छेद 23 में जो देह व्यापार, भिक्षा, और बाल श्रम का निषेध करता है, का अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष महत्व है | इस अनुच्छेद का अनुसरण करते हुए, संसद मे बंधुआ मजदूर प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम अधिनियम, 1976 अधिनियमित किया |. उसी प्रकार, अनुच्छेद 24 जो किसी फैक्ट्री या, खान या अन्य जोखिम वाले कार्य मे 14 वर्श के कम आयु वाले बच्चों का नियोजन निषेध करता है| प्रमुख प्रावधान -
अनुच्छेद 164(1)- उपबंध करता है कि छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, और ओड़िशा में जनजातियों के कल्याण का भार साधक एक मंत्री होगा जो साथ ही अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण का या किसी अन्य कार्य का भार भी साधक हो सकेगा | अनुच्छेद 243 (घ)- पंचायतों में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण करता है | अनुच्छेद 330- लोक सभा में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण उपबंध करता है |