नागो को हिंदू धर्म मे अनन्यसाधारण महत्त्व प्राप्त है. चाहे वे वासुकी नाग हो या शेष नाग या फिर तक्षक या हो कालिया नाग. रामायण ओर महाभारत के बडे धनुष्य धरियो के पास नाग पाष भी थे. अगर हम हमारी सभ्यता देखे तो नागो का महत्व ओर कथा कहाणी बोहोत है.


चालिये हम जाणते है की नाशिक मे स्थित नाग मंदिर के बारे मे. नाशिक के गोदावरी नदी के थोडे दूर ओर काळाराम मंदिर के निकट नाग मंदिर है.यह नाशिक का एकमात्र नागमंदिर है. यह प्राचीन नागमंदिर करिबान 50 साल पूरणा है. यहा पहले एक पीपल का बडा वृक्ष था.उसके नीचे नाग ओर नागीण का एक जोडा हमेशा विहार करता था. बाद मे नाग नागीण के मृत्यू के पश्यात यहा नाग की प्रतिमा रखकर लोग पूजा अर्चना करते थे. बाद वृक्ष के गिरणे के पश्यात यहा नाग मंदिर की निर्मिती की गयी. यह मंदिर बेहद जागृत देवस्थान है.नाग पंचमी दिन यहा नाशिक के अलग अलग भागो यहा लोग नाग भगवान की पूजा करणे आते है. माना जाता है की ये मंदिर मे नियमित पूजा ओर प्रार्थना करणे से कालसर्प दोष का निवारण हो जाता है. कुछ लोग तो यहा चांदी,तांबे या इच्छा हो तो सोने का नाग अर्पण करते है.