निर्दलीय प्रत्याशी नारायण लाल कोली जावा ल ने 2017 चुनाव लड़ा लेकिन भेदभाव की नीति पार्टियों के अपनाने से बड़ी हार हो गई, जबकि सामने अयोग्य होने पर भी जीत गए यही होता है राजनीति की गलियारों में, पैसा फेक तमाशा देख वाली कहावत हो गई वैसे नारायण लाल कोली