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प्रारंभिक जीवन - महावीर जी का जीवन आदर्शवादी विचारों और संघर्ष की मिसाल है। उन्होंने अपने छात्र जीवन से ही संगठनात्मक गतिविधियों में रुझान दिखाया। 11वीं कक्षा से ही छात्र संगठन में सक्रिय भागीदारी की और लगभग 6 वर्षों तक साम्यवादी विचारधारा के अनुयायी रहे।
संघ विचारधारा - महावीर जी के विचारों में गहरा परिवर्तन तब आया जब माननीय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने उन्हें साम्यवादी विचारधारा और संघ विचारधारा के बीच अंतर को समझाने के बाद, ठेंगडी जी के इस मार्गदर्शन ने उनके जीवन की दिशा बदल दी, और वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यों में सक्रिय हो गए। संघ के संस्कारों और सिद्धांतों ने उनके भीतर राष्ट्रभक्ति और हिंदुत्व का भाव प्रबल किया।
1.आपातकाल: आपातकाल के दौरान महावीर जी ने 14 से 15 महीने जेल में बिताए, जहां उन्हें अत्यधिक यातनाओं का सामना करना पड़ा। इस कठिन समय में भी उन्होंने साहस और धैर्य नहीं खोया। इसी दौरान, महावीर जी ने अपने साथियों सहित संघ, भाजपा व अन्य संगठनों के बड़े पदाधिकारियो जैसे अटल जी, आडवाणी जी व अन्य को हीरानगर जेल से 100 पत्र हाथ से बनाकर भेजें इस पत्र में लिखा..
"मकर संक्रांति पर्व हमें राष्ट्रीय जीवन में उत्क्रांति का संदेश देने आया है। ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसी अवस्था में, जबकि उत्पीड़न और दमन से जनसाधारण दासता को प्राप्त हो गया है, हम उन दास्तान की श्रृंखलाओं को तोड़ने और समय के प्रवाह को रोकने, सोने वालों को झकझोड़ने व मृत पड़े भरतपुत्रों को संजीवनी देने आया हूँ। आओ, भरत पुत्रों, उठें और इस अधार्मिक युद्ध के विरुद्ध शंखनाद करें। हृदय में राणा की प्रतिज्ञा, पैरों में अंगद की दृढ़ता, भुजदंडों में शिवाजी का बल, केशव का ओज व माधव का तेज लेकर इस सत्तारूढ़ तानाशाही को उखाड़ फेंके। सफलता हमारे चरण चूमेगी।"
2. स्वास्थ्य में सुधार: जेल में बिताए गए कठिन समय और यातनाओं के बाद, महावीर जी को स्वस्थ होने में लगभग 1.5 वर्ष का समय लगा। लेकिन उन्होंने अपने संघर्ष को कभी समाप्त नहीं होने दिया और अपने मिशन में फिर से जुट गए।
3. संघ (RSS)में 25 वर्ष का योगदान: महावीर जी ने जम्मू में जिला प्रचारक और विभाग प्रचारक और जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद की शुरुआत हो रही थी संघ ने उन्हें कश्मीर (3 विभाग) भाग प्रचारक का दायित्व देकर भेजा ।
4. कश्मीर घाटी में संघर्ष: वर्ष 1986 से 1988 के दौरान जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद का प्रारंभ हुआ, महावीर जी ने अपने कश्मीर के कार्यकर्ता बंधुओ के साथ राष्ट्र विरोधी ताकतों से वहां के विपरीत परिस्थिति में भी कार्य करते रहे।
विषम परिस्थितियों में संघर्ष - मई 1988 की घटना: मई 1988 में महावीर जी को एक गंभीर षड्यंत्र का सामना करना पड़ा, जब विधर्मियों ने उन्हें धोखे से पारा खिला दिया। इस कुटिल षड्यंत्र का उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा। अगले 5 वर्षों तक उनका उपचार देश के विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालों में चला, जिसमें श्रीनगर, जम्मू, चंडीगढ़ , शिमला, दिल्ली, जगाधरी, और भिवानी शामिल हैं। इन वर्षों के दौरान महावीर जी ने अनगिनत कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनके भीतर का साहस और राष्ट्रसेवा की भावना ने उन्हें कभी टूटने नहीं दिया । उन्होंने हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया और अपने संकल्प को मजबूत बनाए रखा।
हिमाचल प्रदेश में योगदान (1989-1992) - महावीर जी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी विभाग (मंडी, सुंदरनगर, कुल्लू जिला) में प्रचारक के रूप में कार्य किया। व हिमाचल संभाग (अब प्रांत) के बौद्धिक प्रमुख के दायित्व का निर्वहन किया और संघ कार्य का विस्तार किया ।
हरियाणा में संघ कार्य (1993-1999) - महावीर जी ने हरियाणा में 1 वर्ष विभाग प्रचारक और बाद में 1999 तक प्रांत प्रचारक के रूप में कार्य किया। सभी निष्ठावान, समर्पित कार्यकर्ताओं के सहयोग से हरियाणा में संघ का कार्य और मजबूत हुआ।
विश्व हिंदू परिषद में योगदान -
1. वर्ष 2000 से 2003: महावीर जी ने विश्व हिंदू परिषद में गुजरात और राजस्थान का संयुक्त दायित्व निभाया। कार्य विस्तार कर संगठन मजबूत किया ।
2. अयोध्या आंदोलन में सक्रियता (2003-2013): महावीर जी ने जुलाई 2003 से लेकर 2013 तक अयोध्या आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने संपूर्ण उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में धर्म रक्षा के लिए कार्य किया और हिंदू समाज को जागरूक किया।
3. अखिल भारतीय मंत्री (2014-2018): महावीर जी ने 2014 से जून 2018 तक विश्व हिंदू परिषद में अखिल भारतीय मंत्री के रूप में सेवाएं दीं। संगठन व समरसता दोनों कार्य बढ़ाएं।
मीडिया में योगदान - महावीर जी ने अक्टूबर 2023 में “The Sankhnad” चैनल की शुरुआत की। इस चैनल के माध्यम से वे राष्ट्रहित, समाज सेवा, और सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। 'The Sankhnad' चैनल के माध्यम से वे भारतीय संस्कृति, राष्ट्रभक्ति और समाज के प्रति जागरूकता का संदेश फैलाते हैं। इस मंच पर वे समाज के वास्तविक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और देशवासियों को प्रेरित करते हैं। वर्तमान में चैनल पर 165 से अधिक विडिओ प्रकशित हुई है जिनमे भारत के वीर सपूत व वीरांगनाओं की जीवनी - उनके संगर्ष व भारत के स्वर्णिम इतिहास की विस्तृत जानकारी साझा करी गई है। चैनल लिंक - https://www.youtube.com/@TheSankhnad
महावीर जी का प्रेरणादायक जीवन - महावीर जी का जीवन संघर्ष, त्याग और राष्ट्रभक्ति की प्रेरक कहानी है। उन्होंने विभिन्न संगठनात्मक दायित्वों का निर्वहन किया और अपने समर्पण से राष्ट्रहित के लिए अनवरत कार्य किया। उनका जीवन एक प्रेरणा है जो हमें सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी संकल्प और साहस से आगे बढ़ा जा सकता है। उनके पत्र, विचार, और जीवन की कठिन परिस्थितियों में डटे रहने की उनकी भावना आज भी अनेक लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।