इस दुनिया में तीन प्रकार के व्यक्ति होते है और वो चाहे तो क्या नहीं कर सकते वस सोच को एक चीज पर निर्धारित करना होगा
प्रथम_ जो व्यक्ति इस वर्ग के होते है जब व्यक्ति सोचता है कि में हर कार्य आसानी से कर दूंगा हूं और उस कार्य मे लग जाता है लेकिन कुछ समय बाद जब उन व्यक्ति को उस कार्य मे ज्यादा मेहनत लगती है तो वह उस कार्य को छोड़ देते है क्योंकि उनकी सोच हर काम को कम मेहनत से सफल होने कि होती है जब ऐसा नहीं हो पता है तो वह यह सोच कर छोड़ देते है कि मुझसे नहीं हो पाएगा। इन न व्यक्ति को प्रथम वर्गीय कहते है
द्वितीय_ जो व्यक्ति इस वर्ग के होते है यह व्यक्ति किसी भी कार्य को करने कि इच्छा रखते है और कार्य को प्रारम्भ करते और उसको अच्छे से भी करते है लेकिन उनको उस कार्य मे कही लॉस हो जाए तो वह यह सोच कर छोड़ देते है कि इस कार्य में कुछ नहीं है बल्कि अर्ध सफल भी होते परन्तु बीच मे उस कार्य को छोड़ देते है इन व्यक्ति को मध्यम वर्ग के कहते है
तृतीया_ ओर जो व्यक्ति इस वर्ग कई होते है। इस वर्ग मे उस प्रकार के व्यक्ति होते है जो मन ने निश्चित कर लिया कि मुझे यह कार्य करना है तो कुछ भी हो जाए उस कार्य को सफल करना है चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों ना आ जाए फिर भी उन के मन में यही होता है की हम को यह कार्य पूर्ण करना है और वही व्यक्ति कामयाब होता है। इन व्यक्ति को उत्तम वर्ग के कहते है
और इन वर्गीय व्यक्ति को कामयाब कहते है।
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p.t. Dharmendra sharma 🤏🤏👍🙏🙏