राजस्थान के हस्तशिल्प (मंसुरिया साडी़)--कोटा से 15.दुर बुनकरों का एक गाँव है कैथून।कैथून के बुनकरों ने चाैकोर बुनाई जाने बाली सादी साडी़ को अनेक रंगो ओर आकर्षक डिजाईनो मे बुना है तथा सुती धागे के साथ रेशमी धागे,ओर जरी का प्रयोग करके साडी़ की अलग ही डीजाईन बनाई है। साडी़ का काम बुनकर अपने घर मे खड्डी लगाकर करते है। पहले सुत का ताना बुना जाता है। फिर सुत या रेशम को चरखे पर लपेटकर लच्छियॉं बनाई जाती है। धागे लकडीयों की गल्लियों पर लपेटा जाता है। फिर ताना-बाना डालकर बुनने का काम किया जाता हैं। वर्तमान में कोटा डोरिया साडी़ का निर्यात भी विदेशो मे किया जा रहा है।