मेवात भौगोलिक विषमताओं से भरा हुआ है। यहां पर कहीं खुले मैदान हैं तो कहीं अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियां देखी जा सकती हैं। स्थानीय निवासी मिया आदिवासियों के वंशज हैं।[तथ्य वांछित] मेवात के लोगों का मुख्य कार्य कृषि पर आधारित है। कृषि के बाद इसके सबसे ज्यादा लोग डेयरी उद्योग में लगे हुए हैं। आधुनिक मेवात की स्थापना 4 april 2005 ई. को फरीदाबाद और गुड़गांव के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर की गई। नूह, तावड़ू, नगीना, फिरोज़पुर झिरका, पुन्हाना और हथीन इसके मुख्य खण्ड हैं। यहां पर हिन्दी की बोली मेवाती बोली जाती है।