इंचागीरी संप्रदाय

इंचागिरी संप्रदाय की शुरुआत भाऊसाहब महाराज से हुई है जोएक नाथ पंथिय परंपरा के शिष्य थे। यह परंपरा निर्गुण निराकार परब्ररह्म , महा विष्न्णु,ब्रामहा,महर्षि अत्रि,दत्त त्रेय,रेवानानााथ,गुरु लिंग जंगम महाराज और फिर भाऊसाहब महाराज के पास आई। बाद में परंपरा सिद्ध रामे श्वर महाराज,.

दोंडो पंत महाराज,शिवराम महाराज और अब सुकदेव महाराज के पास है।यह मूल रूम से नाथ पंथिय परंपरा है।और इस परंपरा में शिष्यों को शक्तिपात की दीक्षा दी जाती है ।जिससे उनकी कुण्डलिनी असनिसे जग सके और वह भी आत्मसाक्षात्कार कर के अपनी आध्यात्मिक प्रगति कर सके।