ओडा

सिरोही जिले के शिवगंज तहसील मे एक ग्राम है। ओडा गाँव मे ग्राम पंचायत है, इस पंचायत मे चार गाँव आते है:- ओडा, सेऊडा, मांडानी एवं अखापुरा। ओडा ग्राम सिरोही जिला मुख्यालय से 22km तथा जावाल से 9km है , पालडी m से 15km है। ओडा गाँव से सट्टे गाँव निम्न है:-अन्दौर, रनियाखेरा, एवडी, गोल, जावाल, अखापुरा, मांडानी, सवली, सेऊडा, कैलाश नगर, वान है। ओडा ग्राम मे आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय है तथा इसके अलावा 3 निजी विद्यालय है जिसके नाम निम्न है:- सूरज बाल विद्या मंदिर, राज श्री उच्च प्राथमिक विद्या मंदिर, चामुंडा विद्या मंदिर है। गाँव मे एक राजीव गांधी केंद्र है जहाँ ग्राम पंचायत संचालित है। ओडा ग्राम मे 2 आंगनबादी केंद्र है। ओडा ग्राम मे एक उप स्वास्थ्य केंद्र है। ओडा ग्राम मे निम्न जाती के लोग रहते है:- मेघवाल, कलबी (आंजना, चौधरी), देवासी, माली, सरगरा, राजपूत, रावण राजपूत, घांची, सुथार, वादी, बावरी, पाउआ, कलावंत, कालबेलिया, मीना, भील, वाल्मिकी, सोनी, कुम्हार, प्रजापति, सेन, वैष्णव, गर्ग, छिपा आदि। ओडा ग्राम मे विकरमेश्वर महादेव मंदिर, भिमजी महाराज का मंदिर, खेड़ा वाली देवी और सौदरा माजी , हनुमान जी के मंदिर अति प्राचीन है। ओडा ग्राम मे ज्यादातर लोग खेती पर आश्रित है। इस ग्राम का इतिहास रहस्यमय है....... यहाँ के आमजन का कहना है कि यहाँ आज से 500 साल पहले ओडा ग्राम बहुत बड़ा गाँव था...... यहाँ पर हर वर्ग रहता था...... लोगो का यह भी कहना है की ओडा ग्राम 3-4 बार ध्वस्त होकर वापस आबादी मे है। ओडा ग्राम को खालसा ग्राम का दर्जा दिया गया है। ओडा ग्राम के बस स्टैंड पर मेघवाल समाज का बाबा रामदेव जी का मंदिर निर्मित है। मंदिर के पीछे की ओर पहाड़ है जो ग्राम के उतर- पूर्व तक फैली है। इस पहाड़ के उस तरह बांध है जिसे ओडा बांध कहते है, ओडा बांध का गेज 30ft है लेकिन 24.5 फिट पानी आने पर बांध ओवर फ्लोअ हो जाता हैं। गर्मियों के दिनों मे ओडा ग्राम के किसान खरबूजे, ककड़ी, टिन्डी , लौकी की खेती करते है। ओडा ग्राम के खरबूजे राजस्थान के दूर दूर क्षेत्र तक विख्यात है। ओडा ग्राम मे हर कार्यक्रम मनाये जाते है जैसे गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, भीमराव आंबेडकर जयंती, नवरात्री, आदि

होली, दीपावली , अक्षय तृतया यहाँ के प्रमुख पर्व एवं त्यौहार है। 

ओडा के आस पास मांडनी नदी मे मेघवाल समाज खारल परगना का भाद्रपद दूज का मेला भरता है जिसमे सभी वर्ग सिरोही, जालोर एवं पाली जिले से भक्त एवं श्रद्धालु भाग लेते है।