लालसोट की धरती पर सात शक्तिपीठों की मान्यता है, मगर सर्वाधिक मान्यता आंतरी क्षेत्र में बसी मां पपलाज की है, जहां पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु (Devotees) मनौतियां मांगते हैं. जागा पोथी के अनुसार तकरीबन 1100 वर्ष तथा पुरातत्व विभाग के अनुसार 788 वर्ष पूर्व स्थापित पपलाज माता की मूर्ति चमत्कारी है. दौसा जिले में ही नहीं अपितु प्रदेश स्तर पर अपनी ख्याति के चलते लोग माता के दर्शन करने पहुंचते हैं.
गूंगे, बहरे, अंधे, लकवा ग्रस्त, व्यापार, विवाह या फिर अन्य अड़चनों से पीड़ित लोग माताजी के ढोक लगाने पहुंचते हैं. यहां भाद्र पक्ष के शुक्ल पक्ष की छठ से शुरू होने वाला मेला अष्टमी तक रहता है. मंदिर के नीचे से निकल रहा जल स्रोत का सपड़ावा लोगों के कहे अनुसार चर्मरोग को दूर करने में राम बाण साबित होता है. पपलाज माता की मान्यता दौसा जिले के गांव-गांव में है. जहां बड़ी तादाद में ग्रामीण माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. पपलाज माता के मंदिर (Temple) में हमेशा मेले का माहौल रहता है.