हमारा समाज आज हम उर्फ देश के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हैं जो देश हमें जन्म दिया भोजन दिया कपड़ा दिया मकान दिया वह सब कुछ दिया जो हमारे जीवन यापन करने के लिए जरूरी तो क्या हम अपने देश के लिए कुछ नहीं कर सकते हमारे देश में आज अनेकों कुरीतियां बुराइयां चारों तरफ फैली हुई है जिसे मिटाने के लिए हमें कुछ ना कुछ तो करना चाहिए भले ही हम पूरे देश को नहीं संभाल सकते हैं संभाल सकते हैं सजा सकते हैं पर हम तो कुछ तो कर सकते हैं हमारे देश में अनेकों प्रकार की बुराई है अनेकों प्रकार की बुराइयां हैं लेकिन उससे कहीं ज्यादा हमारे देश में चाहिए तो हमें अपने देश को बचाना चाहिए और अपने देश के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए कि जिससे हमारे देश का नाम पूरे विश्व में फैले और हम एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित करें जो पूरे विश्व पटल पर हमारे देश को एक भव्य और विशाल संस्कृति की झलक को फिर से पेश करें हमारा देश आदिकाल से ऋषि मुनियों की धरती है जिस देश में अनेक विद्वानों ने जन्म हमारे देश में ऐसे भी पैदा हुए जो सोचने को मजबूर हो जाता है हमारे देश के ग्रंथों से नासा जैसी संस्थाएं ढेरों ज्ञान अर्जित करके विज्ञान को बढ़ाते हैं हमने सुना है कि वायुयान जैसी चीजों को हमारे देश के धर्म ग्रंथों महाभारत श्री लिया गया है महाभारत से लिया गया है कोई कहता है कि रामायण से लिया गया है उसी रामायण में से रामायण में माता सीता को रावण हरण करके ले जाता है उद्देश्य पुष्पक यान में लेकर जाता है उसी पुष्पक विमान की तर्ज पर परिवहन का विकास किया गया हमारे देश के जवान आर्यभट्ट कैसे विद्वान बंद तो नहीं सकते हैं पर उनके जैसा बनने की कोशिश कर सकते हैं आज हमारे देश में एक ऐसी क्रांति की जरूरत है जो पूरे देश को एक कर दे हमारा देश जनसंख्या की दृष्टि से बहुत ही विशाल है अपने पड़ोसी मुल्क चीन की बात करें तो एक समय ऐसा था कि वहां पर खाने के लिए खाना नहीं था पर आज एक ऐसा समय आ गया है कि वो पूरे विश्व के बाजारों में अपनी पैठ बना चुका है आज हमारे देश में कोई भी ऐसा घर नहीं होगा जहां पर चाइना की कोई एक सामान ना हो एक समान ना हो हमारे घर में कोई ना कोई सामान चाइना का मिल जाता है क्योंकि वहां की जनता ने अपने देश के प्रति राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत किया जिसकी वजह से आज हमारा देश बहुत ही विशाल है हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आश्रित है देश की लगभग 30 वर्ष से ज्यादा जनसंख्या खेती करती है लेकिन उसी में 40% और जोड़ कर करते हैं 70% आर्य 70% आज यह 70% है लोग हमारे देश में कृषि पर निर्भर है जो लघु उद्योग कुटीर उद्योग पर निर्भर है हमारे देश में कृषि एक ऐसी अर्थव्यवस्था है अगर यह किसी का किया जाता पैसे का क्या मोल है हम अपने जीवन में खाना खाते हैं पैसा नहीं खाते हैं तो खाना खाने के लिए हमें दाल चावल गेहूं रोटी अजीब चीजें चाहिए पेट भरने के लिए हमें अनाज चाहिए सिक्किम से हमारे पेट नहीं भरने वाले हैं ना ही नोटों से हमारे पेट भरने वाले हैं फिऑंसे हमें कृषि की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए हमारी किसानों को एक उचित मार्गदर्शन और आधुनिक तकनीक शैली शैली विकसित करने के लिए जिससे वह कम लागत में ढेर सारे ना झुका सके