परिचय पूरा नाम नवल पाल प्रभाकर ‘‘दिनकर’’ जन्मतिथि 03 जनवरी 1985 पिता श्री औम प्रकाश माताजी श्रीमती रतन कौर, शिक्षा प्रभाकर, एम.ए., बी.एड, एम.एड,पी.एच.डी जारी.. भाषा ज्ञान हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू पता गांव व डाकघर-साल्हावास, जिला व तहसील झज्जर, राज्य हरियाणा पिन-124146, घुमन्तू भाष 9671004416 अणुडाक पता navalpaal85@gmail.com parbhakarnavalpal@gmail.com aanchliksahityapatrika.gmail.com अध्यक्ष राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान, साल्हावास, जिला झज्जर, हरियाणा। संपादक आंचलिक भाषा साहित्यिक पत्रिका व स्टोरी मीर्र अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिका NCERT के प्राइवेट स्कूलों में कक्षा छट्टी व सातवीं में दो कहानियाँ पृथ्वी भ्रमण और बीती बातें इस सेशन से लागू होंगी I देश-विदेश में एमेजोन के माध्यम से किताबों का प्रकाशन प्रकाशित पुस्तकें- (BOOKS PUBLISH)

1. यादें (काव्य संग्रह) 2018 2. उजला सवेरा (काव्य संग्रह) 2018 3. नारी की व्यथा (रूबाई संग्रह) 2018 4. आशाएं (काव्य संग्रह), 2018 5. कुमुदिनी (बाल कहानी संग्रह) 2018 6. मोम के पंख (काव्य संग्रह) 2018 7. वतन की ओर वापसी (कहानी संग्रह) 2018 8. तेरा साथ (काव्य संग्रह) 2018 9. औंस की बूंदे (काव्य संग्रह) 2018 10. धरा की शोभा (काव्य संग्रह) 2018 11. जंगल में महासभा (बाल कहानी) 2018 12. सूना पथ (काव्य संग्रह) 2018 13. देश का भविष्य (काव्य संग्रह) 2018 14. जामून का पेड़ (कहानी संग्रह) 2018 15. हुण्डी (बाल कहानी) 2019 16. यादें बचपन की (काव्य संग्रह) 2019 17. सात पेंडिंग केस (कहानी संग्रह) 2019 18. दूसरा जन्म (कहानी संग्रह) 2019 19. पश्चाताप् (व्यंग्य संग्रह) 2019 20. प्रियतमा (काव्य संग्रह) 2019 21. जंगल की कहानियां (बाल कहानियां) 2019 22. सिर्फ तुम (काव्य संग्रह) 2019 23. आओ धरती बचायें (पर्यावरण निबंध) 2019 24. Fleeting Wedding Heppiness (Story Collection) 2020 25. The Change (Story Collection) 2020 26 Return to the Country (Story Collection) 2020 27. तिनका (हिंदी कहिनियाँ) 2020 28. The Chhayavadi aeon of the Hindi Literature (Literature)2020 29. जंगल में जनरल असेम्बली (उर्दू कहानियाँ) 2020 30. तब्दीली (उर्दू कहानियाँ) 2020 31. जो खोया है वो मिल जाता है (उर्दू कहानियाँ) 2020 32. मश्क (उर्दू कहानियाँ) 2020 33. सुराही (उर्दू कहानियाँ) 2020 34. हिंदी साहित्य का छायावादी युग (सहित्य) 2020 35. गरुड पंख (बाल कहानी) 2020 36. अनारकली (बाल कहानी) 2020 37. Save the Earth (Environment) 2020 38. म्हारी मिठ्ठी बोळी (काव्य संग्रह) 2021 39. तुम्हारा साथ 40. न्याय का मंदिर

साझा संकलन:-

1. बिखरी स्याही, निखरी कलम (काव्य संग्रह) 2. सुगन्ध परिवेश की (काव्य संग्रह) 3. हाइकु की सुगन्ध (हाइकु संग्रह) 4. दिव्यतूलिका (काव्य संग्रह)

साझा संकलन संपादन:- 1. संचित काव्य तरंग (काव्य संग्रह) 2. संचित लघुकथा तरंग ( लघुकथा संग्रह) 3. संचित कहानी तरंग (कहानी संग्रह) 4 . नई नौबहार (काव्य संग्रह)

विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाएं:- 1. नीदरलैंड से प्रकाशित पत्रिका एम्स्टल गंगा, 2. भारत से प्रकाशित मालती अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिका, 3. न्यूजीलैंड से प्रकाशित पत्रिका भारत दर्शन, 4. कनाडा से प्रकाशित साहित्य कुंज पत्रिका, 5. अन्तरजाल पर हिन्दी साहित्य मंच, 6. भारत का अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सेंटर पर प्रकाशित, 7. अमेरिका में आनलाईन पुस्तकें प्रकाशित भारतीय साहित्य संग्रह नाम से, और भी अन्य देशों में रचनाओं का प्रकाशन आदि। सम्मान व पुरस्कार:- 1. रचना प्रतिभा सम्मान, 2. अर्णव कलश मंच से पं0 माधव प्रसाद मिश्र सम्मान, 3. अर्णव कलश मंच से मात्सुओ बासो हाइकू सम्मान, 4. अर्णव कलश मंच से गौरव सम्मान, 5. साहित्य भूषण सम्मान, इन्दौर, 6. एक दिवसीय जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर, प्रमाण पत्र, 7. अर्णव कलश मंच से काव्य रत्न अलंकार, 8. बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, रोहतक, अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, 9. महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक, अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, 10. कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र, अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, 11. हिमगिरी विश्वविद्यालय, देहरादून, अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, 12. निबंध प्रतियोगिता सम्मान, 13. तंरग साहित्य संस्था कानपूर से सम्मान, 14. प्रज्ञा साहित्य मंच से सम्मानित, 15. नेत्रदान मंच गांधरा, रोहतक से सम्मानित, 16. रचनाकार, सम्मान 17. शैली साहित्य मंच द्वारा सम्मानित, 18. OBO प्रतिभा सम्मान कानपूर, 19. साहित्य सारथी सम्मान 20. नीफा सम्मान पत्र। 21. स्टोरी मिर्र मंच, मुम्बई, द्वारा कई बार सम्मानित। 22. गुरु नानक कॉलेज किलान्वाली मुक्तसाहिब, पंजाब 23. डी० ए० वी० कॉलेज अबोहर, पंजाब 24. श्रीमती गंगाबाई खिवराज घोड़ावत कन्या महाविद्यालय जयसिंहपुर, कोल्हापुर 25. माउन्ट कार्मल कॉलेज, स्वायत, बेंगलोर 26. श्री मुक्तानंद महाविद्यालय, गंगापुर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र और भी बहुत सारे संस्थानों से काफी सारे सम्मान मिल चुके हैं

ABOUT ME …………………… TWO WORDS I saw that today we are going to run away in the life of Runaway, forgetting our culture, our customs and our regional languages. To protect them all, I established the Zonal Institute of Literature, Salhawas in 2016, and became its president. Collected litterateurs from almost all Hindi speaking states of India and appointed them in charge of the regional language of their respective states. All are doing their work with utmost integrity and honesty. Everyone is working on forming a group on what’s up. From time to time, participants have been honored by organizing group competition etc. Till date, around 2000 national level litterateurs, who have been saving culture and writing in regional / regional languages, have been awarded online awards by the Zonal Institute of Literature, Salhawas, District Jhajjar, Haryana(INDIA). Having sent literary books written in regional language by post, I have honored all those sending litterateurs by sending letters of honor by post. Many schools and colleges in Haryana have also honored and encouraged all children to save cultural heritage by organizing articles, poetry, colorful programs on Haryanvi language. And I also have literary seminars in my village schools from time to time. And once a year, I call the emerging writers at my district level and also offer their praise letters, shawls and insignia and honor them on the stage. Just in February 2014, 18 litterateurs of his district Jhajjar were felicitated in a government school in the village. I have organized a Hindi signature rally to encourage people to sign in Hindi on Hindi Day on 14 September and have visited around 50 villages in the neighborhood. I have also honored many foreign litterateurs who attended the Sahitya Samaroh as a guest invited to discuss literature in Maharishi Dayanand University on behalf of Zonal Institute of Literature. In social work, I have donated blood about 12 times, and posthumously have pledged to donate eyes and donate bodies. Till date, I have planted a dozen trees in my village and other villages. Expected to bring the number of books to 50 by the end of the year 2021.

  Naval Pal Prabhakar "Dinkar"