yoga se Hoga

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में एक नई पहल करते हुए 'योग से निरोग'' कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इसका शुभारंभ 23 अप्रैल को करेंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर में रह रहे कोविड मरीजों का मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य एवं मनोबल को निरंतर ऊँचा बनाये रखना है। साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करना भी है। आयुष विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, इण्डियन योग एसोसिएशन तथा पतंजलि योग पीठ के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जाने वाले इस कार्यक्रम में योग प्रशिक्षित वॉलेंटियर्स दिन में 2 बार होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को वीडियो कॉल या फोन कॉल से ऑनलाइन योग, आसन, ध्यान, प्राणायाम आदि का अभ्यास करायेंगे।

प्रत्येक योग प्रशिक्षित वॉलेंटियर्स को लगभग 10 मरीज आवंटित किये जायेंगे। इसी प्रकार का सामूहिक अभ्यास कोविड केयर सेंटर में भी एक व्यवस्था बनाकर किया जायेगा। यह कार्यक्रम होम आइसोलेशन में रहने वाले और कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों में नई ऊर्जा, उत्साह, मनोबल और सकारात्मक भावों का संचार करेगा, जिससे उन्हें जल्द से जल्द ठीक होने में विशेष मदद मिलेगी।

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एण्ड इण्डस्ट्रियल रिसर्च, भारत सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से प्रदेश के 5 जिला चिकित्सालय भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल में नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से लगाये जा रहे हैं। इनमें 300 से 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनेगी, जो लगभग 50 बेड्स के लिये पर्याप्त होगी। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।

पूजा बिधूड़ी 2727

मनुष्य वही है जो मनुष्य के लिए मरे

Manushya wahi hai jo Manushya ke liye Mare


मानव एक सामाजिक प्राणी है। वास्तव में मानवों के संगठन का ही नाम समाज है। आपस में संगठित होने के कारण मानवों में परस्पर सम्बन्ध एवं सम्पर्क भी है। यह पारस्परिक सहयोग एवं प्रेम की धारणा परोपकार के अन्तर्गत मानी जाती है। इस काव्योक्ति का तात्पर्य है कि जो मानव दूसरों के उपकार के लिए तत्पर होता है और उसी के लिए शरीर धारण करता है, वही वास्तव में सच्चा मानव है। परोपकार का अर्थ है दूसरों का भलाई। इसमें बदले की भावना नहीं होती है। वास्तव में परोपकारी स्वतः अपनी किसी चीज का उपभोग न कर दूसरों को ही अपना उपभोग कराते हैं, सत्य ही तो है:

PPE sheet 🤔

पीपीई का पूर्ण रूप व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण है। पीपीई एक प्रकार का विशेष उपकरण है जिसे आप अपने और कीटाणुओं के बीच एक बाधा बनाने के लिए पहनते हैं। यह अवरोध कीटाणुओं को छूने, छूने और फैलने की संभावना को कम करता है। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण अस्पताल में रोगाणु के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं। यह स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों और संक्रमणों से लोगों की रक्षा कर सकता है। सभी रोगियों, अस्पताल के कर्मचारियों और आगंतुकों को पीपीई का उपयोग करना चाहिए जब रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के साथ संपर्क होगा। दस्ताने पहनने से कीटाणुओं के प्रसार को कम करने में मदद मिलती है और यह आपके हाथों को कीटाणुओं से भी बचाता है। मास्क आपके मुंह और नाक को ढंकते हैं। कुछ मास्क में एक प्लास्टिक का हिस्सा होता है, जो देखने के माध्यम से होता है, जो आपकी आंखों को कवर करता है। एक सर्जिकल मास्क आपके मुंह और नाक में कीटाणुओं को फैलने से रोकने में मदद करता है। यह आपको कुछ कीटाणुओं में सांस लेने से भी रोक सकता है। आंखों की सुरक्षा में चश्में और चेहरे की ढाल शामिल हैं। ये आपकी आंखों के श्लेष्म झिल्ली को रक्त और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों से बचाते हैं। यदि ये तरल पदार्थ आंखों से संपर्क बनाते हैं, तो तरल पदार्थ में कीटाणु श्लेष्म झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। कपड़ों में एप्रन, गाउन, हेड कवरिंग और शू कवर शामिल हैं। ये अक्सर सर्जरी के दौरान रोगी और आप की रक्षा के लिए उपयोग किए जाते हैं। जब आप शारीरिक तरल पदार्थों के साथ काम करते हैं तो आपकी रक्षा के लिए उनका उपयोग सर्जरी के दौरान भी किया जाता है