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Prashant Singh (प्रशान्त सिंह)
editAbout Prashant - प्रशान्त के बारे में
editBorn | Uttar Pradesh, India |
Nationality | Indian |
Genre | Myth-Science Fiction |
Notable Works | Kalkikaal Katha book Series Samyant Rahasya in 2019 Tripund Kaksha: in 2021 |
Website | http://authorprashant.in |
www.fb.me/authorprashant.in | |
authorprashant.in@gmail.com |
प्रशान्त को बचपन से ही कविताओं व लघु कथाओं को लिखने का शौक रहा है। उनकी कल्पना में स्वतः ही उभरते पात्र अपनी कहानियों को लेकर हमेशा से ही शब्दों में परिवर्तित होना चाहते थे परन्तु पहले इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई और फिर नौकरी की व्यस्तता ने कभी ऐसा होने नहीं दिया।
प्रशान्त के मन में पनपते लेखन के बीज को आखिरकार जीवन मिला जब वह शिमला में नियुक्त किए गए जहाँ प्रकृति के साये में उन्होंने अपने विचारों को शब्दों में पिरोने का निश्चय किया । चार वर्षों की अथक मेहनत के बाद लिखा गया उनका प्रथम उपन्यास "कल्किकाल कथा खंड एक - समयान्त रहस्य" पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।
कामकाज की व्यस्तता से समय मिलते ही इनके दिलो-दिमाग़ में स्वत: ही कहानियों का जन्म होने लगता है। दिमाग रूपी हार्ड डिस्क ड्राइव में संचित असंख्य गीगाबाइट कल्पनाओं के आधार पर वह अभी तक दो उपन्यास लिख चुके हैं।
वर्तमान में, वह भारत सरकार के संगठन में सहायक महाप्रबंधक के तौर पर कार्यरत हैं। खाली समय मिलने पर उनका शब्दों के प्रति अथाह प्रेम जागृत हो जाता है जब वह साहित्याकाश में चमकती विशिष्ट रचनाओं को पढ़ना पसंद करते हैं।
Novels by Prashant - प्रशान्त द्वारा रचित पुस्तकें
edit“हिन्दू पौराणिक पात्र रुपी कलम को विज्ञान की स्याही में डुबो कर रचित एक अद्भुत रहस्यमय गाथा !”
यह कल्पितमाला विज्ञान, धर्म, पौराणिक संदर्भों तथा हिन्दू सभ्यता के रहस्यों के मोतियों को एक साथ पिरोकर लिखी गयी है ।
कथानक का मुख्य पात्र कल्कि, मानव जाति को दिया गया ईश्वर का वह आशीर्वाद है जो दूसरे ग्रह के उग्र्य प्रजाति द्वारा पृथ्वी पर किए गए अब तक के सबसे भयानक, विध्वंसक व विनाशकारी आक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है ।
अपनी अंतिम साँसों को गिनती हुई घायल पृथ्वी तथा मानव जाति को बचाने के उद्देश्य में, कल्कि रोमांच-रहस्यों से भरी, मस्तिष्क को झकझोर देने वाली एक ऐसी रहस्य रूपी यात्रा पर चल पड़ता है जहाँ मृत्यु से भरे हुए पहेलीनुमा पथ के प्रत्येक पग पर अनिश्चितता छुपी हुई है । अपनी इस यात्रा में वह पृथ्वी पर उपस्थित सबसे करिश्माई व्यक्तियों से मिलता है, अनजान व विचित्र स्थानों पर जाता है तथा विचारों से भी परेय जैसे रहस्यों को सुलझाता है ।
रहस्य-रोमांच से भरी यह अभूतपूर्व गाथा पाठक के रोमांच व जिज्ञासा को एक पल के लिए भी चैन की साँस नहीं लेने देगी ।
“हाथों पर आड़ी तिरछी रेखाएं तो विधाता ने सबके ही हाथों में खींची हैं लेकिन उनको इच्छानुसार बदलने वाली तकदीरें लेकर सिर्फ कुछ ही लोग पैदा होते हैं। ऐसा ही महामानव है – कल्कि, जो तकदीर को भी बदलने की क्षमता रखता है।”
क्या कल्कि भारतीय सभ्यता के महान सप्त चिरञ्जीव की सहायता से इस भीषण संकट का सामना कर पायेगा? आयामों के दरमियान फंसी परम कुंजी को खोज पायेगा? रहस्यमयी नगरी ज्ञानाश्रम, पवित्र कैलाश पर्वत व विध्वंसकारी ब्रह्मास्त्र के सत्य से पर्दा उठा पायेगा? क्या होगा जब साढ़े तीन हजार वर्षों के बाद अश्वत्थामा फिर से युद्ध के मैदान में उतरेगा?
आयामों की भूलभुलैया, समय चक्र में विकृति, सुसुप्तावस्था से जाग्रत विचित्र नरभक्षी जीव तथा अधमृत जानवरों के झुण्ड को झेलते हुए कल्कि की रोमांच, रहस्यों व अनिश्चितताओं से परिपूर्ण यह गाथा आपको एक ऐसे रोलर कोस्टर रुपी ख्यालों के बवंडर में ले जाएगी जो आँखों के सामने साक्षात नरक प्रकट कर देगी।
इस प्रश्नों के अकल्पनीय व अविश्वसनीय उत्तर निश्चित ही आपकी न्यूरोलॉजिकल दिलचस्पी को उच्चतम स्तर पर ले जायेंगे।
कल्किकाल कथा खण्ड एक - ताण्डव स्तुति (kalkikaal katha Part 2 - Tandav Stuti)
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प्रारंभिक जीवन, शिक्षा और जीवन-यात्रा
edit- जन्म स्थान: बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
- Birth Place: Bulandshahr, Uttar Pradesh
- स्नातक: 'कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान (KNIT) सुल्तानपुर' से इंजीनियरिंग की डिग्री
- Graduation: Engineering Degree from 'KAMLA NEHRU INSTITUTE OF TECHNOLOGY (KNIT) SULTANPUR'
- He has worked in multi national companies like Wipro and Amdocs. Currently he is working as Assistant General Manager in TCIL, Dept. of Telecom.
Bibliography
editकल्किकाल कथा श्रृंखला
edit- समयान्त रहस्य (2019)
- त्रिपुण्ड काक्ष: (2021)
- समयान्त रहस्य - Second Edition (2021)
- ताण्डव स्तुति (2022)
References
editExternal links
edit- Website of Prashant Singh
- Book 1 Paperback version (समयान्त रहस्य)
- Book 1 Kindle Version (समयान्त रहस्य)
- Book 1 (2nd Edition) Paperback Version (समयान्त रहस्य)
- Book 2 Paperback version (त्रिपुण्ड काक्ष:)
Indian male novelists Living people Writers from Uttar Pradesh Writer from engineering background Science cum Mythological fiction new fiction writer 21st-century Indian novelists Novelists from Uttar Pradesh 21st-century Indian male writers