श्री गणेश मंदिर, झाँसी

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वह मंदिर जहा झाँसी की रानी का विवाह संपन्न हुआ । यह भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर है । जहा हर बुधवार को सैकड़ो भक्त दर्शन का लाभ लेते है । यहाँ पर गणेश चतुर्थी को प्रातः काल और सायं काल अभिषेक होता है । साधारणतः यहाँ सायं काल के अभिषेक मे बहुत भीड़ होती है ।ऐसी मान्यता है की इस गणेश मूर्ति के प्रतिदिन इक्कीस परिक्रमा लगाने से अप्रत्यक्ष लाभ होता है और मनोकामनाये पूर्ण होती है । वर्तमान में इस मंदिर की देख-रेखकी ज़िम्मेदारी महाराष्ट्र गणेश मंदिर कमेटी,झाँसी के पास है । इसका निर्माण झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई के ससुर शिव राम भाऊ(1796-1814) के कार्यकाल में हुआ | माना जाता है की इस मूर्ति की स्थापना देश के प्रसिद्द मठाधीश द्वारा की गई और इस मूर्ति की प्रतिदिन की पूजा की ज़िम्मेदारी तांबे परिवार को दी गई , वर्त्तमान में श्री विश्राम तांबे इस मंदिर में पूजा करते है ।