कि लोग अपनी ज़िन्दगी को खिलौना समझते है कि लोग अपनी ज़िन्दगी को खिलौना समझते हैं जब वक्त आता है खुद से रुबरु होने का तो किसी और के लिए तरसते है भूल जाते है ज़िन्दगी का बो हसीं लम्हा कि भूल जाते है ज़िन्दगी का बो हसीं लम्हा और फिर ज़िन्दगी जीने की बजा ढूंढते है

इसलिए मेरे भाइयों पहले सक्सेस इंसान बनो शायरी यश ठाकुर की