रामहर्ष यादव पिता : स्व. राम नारायण यादव माता : श्रीमती शकुंतला देवी पत्नी : श्रीमती गीता यादव पुत्र  : जयंत कुमार यादव जन्म  : 25-10-1971 मूल निवासी: मुनीमपुर बरतरा, कुर्सी, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश, भारत वर्तमान पेशा: समाजसेवा/काव्य रचनाकार वर्ष 2008 में काव्य संग्रह "उदगार" प्रकाशित वर्ष 2020 में सामूहिक दोहा संकलन "दोहे मेरी पसंद के" नारनौल ,हरियाणा से प्रकाशित काव्य क्षेत्र में कई सम्मानों से सम्मानित 19 वर्ष तक उत्तर प्रदेश पुलिस में नियुक्त रहे। वर्ष 2011 जनवरी में त्यागपत्र दे दिया। समाजसेवा के लिए मानवतावादी समाज पार्टी का गठन किया। राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त हुए।

काव्य संग्रह "उदगार" के कुछ दोहे....

सोचो क्या होता भला, इन महलों का हाल। अगर झोपडी का हृदय, होता नहीं विशाल।।

वक़्त बहुत बाकी अभी, खुद को खूब खंगाल। कभी कभी कल के लिए, वक़्त न देता काल।।

राजनीति से माफिया, कर बैठा अनुबंध। इसीलिए आने लगी, खादी से दुर्गंध ।।

दुनिया पर बेकार ही, करता फिरे गुमान। एकाकी ही आगमन, एकाकी प्रस्थान।।

माटी है माटी इसे, होना सौ परसेंट। ज्यों पत्थर बनती पुनः पत्थर की सीमेंट।।

जीवन फल अद्भुत बड़ा, जो पावे ललचाय। कच्चे मा मीठा लगे , पक्के मा करुवाय।।