उत्तराखंड राज्य गीत
editपर्वतीय राज्य उत्तराखंड ९ नवम्बर २००० को लम्बे संघर्ष के बाद भारतीय संघ क्षेत्र के २८वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। उत्तराखंड का राज्य गीत का अनावरण तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी ने 06 फरवरी 2016 के दिन किया था। 04 मार्च 2016 को इस गीत को राज्यपाल की अनुमति मिल गई थी। उत्तराखंड के राज्यगीत के चयन के लिए ,संस्कृति विभाग ने जुलाई 2015 में एक कमेटी बनाई। राज्यगीत चयन कमेटी के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण सिंह बटरोही और इस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह नेगी थे। चयन कमेटी को देश भर से 203 प्रविष्टियां हुई थी। इन प्रविष्टियों में से नैनीताल निवासी हेमंत बिष्ट का गीत चयन हुवा था अर्थात राज्य गीत के लेखक हेमंत बिष्ट हैं। उत्तराखंड राज्य गीत की धुन श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी ने बनाई थी। उत्तराखंड राज्यगीत के गायक नरेंद्र सिंह नेगी और अनुराधा निराला जी हैं।
उत्तराखंड राज्य गीत के बोल
editउत्तराखंड राज्य गीत के लेखकनैनीताल निवासी हेमंत बिष्ट हैं, जिसके बोल निम्न प्रकार हैं -
उत्तराखंड देवभूमि मातृभूमि
शत शत वंदन अभिनन्दन।
दर्शन,संस्कृति ,धर्म,साधना ,
श्रम रंजीत तेरा कण कण।
अभिनन्दन अभिनन्दन ,
उत्तराखंड देवभूमि ……
गंगा जमुना तेरा आँचल ,
दिव्य हिमालय तेरा शीश।
सब धर्मो की छाया तुझ पर
चार धाम देते आशीष।।
श्री बद्री केदारनाथ हैं , कलियर कुंड अति पावन।
अभिनन्दन अभिनन्दन उत्तराखंड देवभूमि …
अमर शहीदों की धरती , थाती वीर जवानो की।
आंदोलनों की जननी है ये ,कर्मभूमि बलिदानो की।
फुले फले तेरा यश वैभव , तुझ पर अर्पित है तन मन।
अभिनन्दन अभिनन्दन। ……
उत्तराखंड देवभूमि
रंगीली घाटी शोकों की या
मंडुवा झुंगुरा भट अन्न-धन
रुम-झुम-रुम-झुम, झुमैलो-झुमैलो
ताल, खाल, बुग्याल, ग्लेशियर
दून तराई भाबर बण
भांटि-भांटि लगै गुजर है चाहे
भांटि-भांटि लगै गुजर है चाहे
फिर ले उछास भरै छै मैन
अभिनंदन-अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि
गौड़ी-भैंस्यूंन गुंजदा गुठयार
ऐपण सज्यां हर घर हर द्वार
काम-धाण की धुरी बेटी ब्वारी
कला प्राण छन शिल्पकार
बण पुंगड़ा सेरा पंदेरो मां
बण पुंगड़ा सेरा पंदेरो मां
बंटणा छन सुख-दुख संग-संग
अभिनंदन-अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि
कस्तूरी मृग, ब्रह्मकमल है
फ्यूंली, बुरांस, घुघती, मोनाल
रुम-झुम-रुम-झुम, झुमैलो-झुमैलो
ढोल नगाड़े, दमुवा हुड़का
रणसिंघा, मुरली सुर-ताल
जागर, हारुल, थड्या, झुमैलो
अभिनंदन-अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि
कुंभ, हरेला, बसंत, फूलदेई
उत्तरैणी कौथिग नंदा जात
सुमन, केसरी, जीतू, माधो
चंद्रसिंह वीरों की थात
जियारानी तीलू रौंतेली
जियारानी तीलू रौंतेली
गौरा पर गर्वित जन-जन
अभिनंदन-अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि