यूक्रेन पर रूसी हमला। हमारी विदेश नीति और यूक्रेन में फंसे भारतीय।

जैसा कि सब जानते हैं कि यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया है। यहां हमले की संभावना पिछले 1 महीने से जताई जा रही थी। सभी देश इस संभावित हमले कि संभावना व्यक्त  कर रहे थे। अमेरिका ने तो दुनिया को बता दिया था कि हमला अवशशंभवी है परंतु उसके बाद भी भारत ने अपने नागरिकों वह विद्यार्थियों को यूक्रेन से निकालने में कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। भारत के विदेश मंत्रालय और यूक्रेन में भारत के दूतावास की गाइड लाइनों को यदि गौर से देखें तो उन्हे इस तरह के हमले कि संभावना ही नहीं थी। उन्होंने  हमला होने की परिस्थिति में कोई भी नीति नहीं बनाई थी। वह सब सामान्य होने की बात कह रहे थे।  भारत की विदेश नीति पूरी तरह से सो रही थी। उनकी सारी नीतियां पूरी तरह से  फेल रही है। इसका सबूत के तौर पर यूक्रेन में फंसे  भारतीयों लोगों और विद्यार्थियों के बयान आप समाचारों मैं सुन रहे होंगे।

यह कोई पहली बात नहीं है। इसी तरह कुछ महीनों पहले अफगानिस्तान में भी यही परिस्थितियां निर्मित हुई थी। भारत  विदेश मंत्रालय और उसकी नीतियां हमला होने के बाद ही जागी थी और हमला होने के बाद ही भारती नागरिकों को निकालने के प्रयास शुरु किए गए थे। अब कुछ महीनों पश्चात यही सब दोहराया जा रहा है।

यही हाल यूक्रेन में भी है भारत सरकार की नींद हमला होने के बाद, उनके बम धमाकों से खुली है। अब ताबड़तोड़ नीतियां बनाई जा रही है। अब हमले के बाद नागरिकों को निकालने के  प्रयास किए जाएंगे। सारी सीमाएं, हवाई व सड़क सील होने के बाद प्रयास किए जाएंगे ।

अभी तक केवल बातचीत की जा रही थी। केवल नागरिकों को ढाढस बंधाया जा रहा था।

हम आपसे पूछते हैं कि क्या  यह सही विदेश नीति है ???

क्या यह सही भारत सरकार की रक्षा  नीति है ???

क्या भारत सरकार अपने दूरदर्शिता और अपनी नीतियों में पूरी तरह से फेल नहीं रही है???

वह भी हर बार, इस बार तो फेल होने की हद हो गई है।

हम भारत सरकार से यही निवेदन  करते है कि कृपया शीघ्र अतिशीघ्र यूक्रेन मे बसे भारतवासियों को वहां से निकाला जाए। सभी माध्यम व मार्गो से, चाहे हवाई मार्ग से, चाहे सड़क मार्ग से, चाहे उन्हें  नजदीकी दूसरे देशों तक पहुंचाकर, वहां से भारत लाया जाए। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। भारतीयों को शीघ्र व सकुशल वापस लाया जाए।

संजय जायसवाल,

शहर कांग्रेस प्रवक्ता,

अध्यक्ष कांग्रेस OBC प्रकोष्ठ,

संस्था युवा भारत,

महू MP