लेखिका सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा
भक्ति की शक्ति में छुपी है,शांति दूत की कर्म कहानी,
देशप्रेम में डूबा था डूबा हर हिन्दुस्तानी।
बापू गाँधी ले आए अंग्रेजों से आजादी,
२ अक्तूबर १८६९ को ही जन्मे थे बापू गाँधी।
स्वतंत्रता का नाद गुंजा नील गगन,
क्रांति का ताड़ण्व हर शहर नगर-नगर।
पखों में उड़ान भरने की है चाहत,
मुक्त कंठ से गीत स्वतंत्रता का गाने की चाहत।
तन पर न था हजामा,पहने एक लंगोटी और माला,
साउथ अफ्रीका से खड़ा एक महात्मा दीवाना।
आजादी की मशाल को जलाए,क्रांति का है दीवाना,
अध्यात्म की शक्ति से युक्ति शांति का भर लिया खजाना।
सत्य अहिंसा शांति के शस्त्र का लिया सहारा,
छक्के छूटे दुश्मन के अंग्रेज ठहर ना पाया।
१५ अगस्त १९४७ की लालिमा ने नव उदित रवि उगाया,
भारतमाता को मुक्त करवाकर उसने फर्ज अपनाा निभाया॥
रचना जीवन पूँजी शिक्षक रचयिता सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए गुरु महिमा अपरम्पार है गु वर्ण तिमिर दिखलाता रु का अर्थ परम प्रकाश है वेद शास्त्र गीता रामायण बताएँ गुरु की यह पहचान है
गुरु आज्ञा में राज छिपा है सत्य अहिंसा शांति बसती सतनाम का ज्ञान कराएँ शिष्य जो सेवार्थी बन जाए तीन लोक की संपदा पाए सुख शांति का भंडार है
बच्चे- बूढ़े-जवान ,निर्बल
सबल, दीन- हीन कुष्ठी
कामिल, सुक्ष्म हो स्थूल
गज ग्राह चींटी चण्डाल
गुरु सीख सहज- सरल
आत्मतत्व सबका है एक
गुरु की सद्शिक्षा का चित्त में भरो खजाना ,हिन्दू -मुस्लिम सिख-ईसाई का ना हो झगड़ा साक्षरता फैले तत्वज्ञान की निरक्षरता मिट जाए दूराचार गुरु ज्ञान का यही उपदेश
पांच सितंबर सन 1888
का था दिन सर्वपल्ली के
आगंन में जन्मा राधाकृष्ण
शिक्षा में शिक्षक की मिशाल
धर्म -संस्कृति में देहावसान
बाद मिला टेम्पलटन पुरस्कार
जीवन का सारथी शिक्षक शिक्षा की करता नींव हरी सर्वपल्ली डाॅ राधाकृष्ण में प्रखर आभा मिला राष्ट्र पति भारतरत्न शिक्षक लेखक पद शिक्षक दिवस मनाए सब मेरे जन्मदिवस का यह है रूप