पत्रकार विश्वामित्र अग्निहोत्री (Vishwamitra Agnihotri)
[1]विश्वामित्र अग्निहोत्री का जन्म 21 मई 1983 में इंदौर के महाराजा यशवंतराव होलकर अस्पताल में सुबह 4:10 पर हुआ था। उनके पिता का नाम ऋषि कुमार अग्निहोत्री माता का नाम गीता बाई अग्निहोत्री भाई समीर कुमार अग्निहोत्री ।
विश्वामित्र अग्निहोत्री ने बचपन से ही अपनी सारी पढ़ाई शासकीय स्कूल में की । इंदौर विजय नगर के शासकीय स्कूल क्रमांक 32 तक इन्होंने आठवीं क्लास पास करी जिसके बाद इंदौर के ही बाल विनय मंदिर में 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद स्वामी विवेकानंद शासकीय स्कूल में कॉमर्स विषय के साथ 12वीं पास परी जिसके बाद प्राइवेट पढ़ाई करके देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करा ।जिसके जेटकिंग कंप्यूटर हार्डवेयर नेटवर्किंग इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर हार्डवेयर नेटवर्किंग डिप्लोमा करी । इसके बाद विनायक कमिशन विश्वविद्यालय से एमबीए मार्केटिंग से कर कर शीर्ष पर पहुचे । मध्यम वर्गीय परिवार होने से शिक्षा में बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ा। अपने माता-पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पढ़ाई करते समय किताबें खरीदने की भी रुपए नहीं होते थे जिसके चलते शासकीय स्कूल से ही किताबें मांग कर पढ़ाई की ।
जैसे तैसे पढ़ाई पूरी कर घर की जिम्मेदारी के आगे नतमस्तक होना पड़ा फिर कहीं छोटी मोटी प्राइवेट नौकरी कर कर जिंदगी से जंग लड़ने लगे ।
- पत्रकार विश्वामित्र अग्निहोत्री* के पिता ऋषि कुमार अग्निहोत्री पिता बद्रीदास अग्निहोत्री जो कि वैष्णव बैरागी समाज से संबंध रखते हैं और होल्कर स्टेट से ही इन्हें विरासत में मंदिर की पूजा अर्चना और उसके साथ ही कई बीघा जमीन दान दी गई थी पर समय के बदलाव एवं परिस्थितियों के कारण इंदौर के जाने-माने घराने से ताल्लुक रखने वाले अग्निहोत्री परिवार को दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर होना पड़ा । इंदौर के तोप खाना क्षेत्र में महंत के रूप में अपनी ख्याति प्राप्त खानदान समय की करवट बदलते हैं रास्ते की धूल बन कर रह गया।
विश्वामित्र अग्निहोत्री की शुरू से यह मानसिकता रही है कि जीवन जीने के लिए खुद से ही लड़ना पड़ता है । जीवन की कला खुद से सीखना पड़ती है जो अच्छा सोच सकता है वही अच्छा लिख सकता पर अच्छा व्यवहार करने वाला ही अच्छा सोच सकता है
अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह.'
जीवन में आगे बढ़ने के लिए सीखना जरुरी है और सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है: हम बिना दर्द के नहीं सीख सकते है.
यह भी सत्य है कि बिना पागलपन के स्पर्श के किसी भी महान दिमाग अस्तित्व नहीं होता है.
हमारे जीवन के गहनतम अंधकार के वक्त हमें अपना ध्यान रोशनी पर केंद्रित करना चाहिए. "परिवार एक प्राकृतिक संस्था हैं।" जो हमें ईश्वर जे वरदान के रूप में मिलती है जिसकी हमें कदर करना चाहिए
शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे.
पत्रकार(Reporter) उस व्यक्ति को कहते हैं जो समसामयिक घटनाओं, लोगों, एवं मुद्दों आदि पर सूचना एकत्र करता है एवं जनता में उसे विभिन्न माध्यमों की मदद से फैलाता है। इस व्यवसाय या कार्य को पत्रकारिता कहते हैं।
संवाददाता एक प्रकार के पत्रकार हैं। स्तम्भकार (कॉलमिस्ट) भी पत्रकार हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के सम्पादक, फोटोग्राफर एवं पृष्ठ डिजाइनर आदि भी पत्रकार ही हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत ही कम समय में अपने नाम की अमिट छाप छोड़ने वाले विश्वामित्र अग्निहोत्री मैं अपने पत्रकारिता की शुरुआत आजाद पत्रकार के रूप में की जहां पर उन्हें बहुत ही आपसी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा आपसी प्रतिद्वंदी होने के कारण खुद को मायूस समझने लगे ।
विश्वामित्र अग्निहोत्री के पत्रकारिता क्षेत्र में प्रथम गुरु कमलेश श्री वंश है जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके कदम आगे बढ़ाएं । पत्रिकारीता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ना इतना आसान नहीं होता कमलेश श्री वंश के बाद ओमप्रकाश शर्मा (ओम बाबा शर्मा ) जैसे बुलंद पत्रकारों का साथ मिला जिसके बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में विश्वामित्र अग्निहोत्री को सहायता मिली ।
" विश्वामित्र अग्निहोत्री का जीवन शुरू से ही संघर्षपूर्ण रहा है वर्तमान में भी विश्वमित्र अग्निहोत्री स्वतंत्र पत्रकारिता के साथ समाज हित में कार्य कर रहे हैं ।
(Investigative journalism)
- खोजी खजाना टाइम्स देश का एक मात्र खोजी समाचार पत्र*
खोजी न्यूज - खोजी खजराना टाइम्स के प्रधान संपादक ओम बाबा शर्मा से जुड़ने के बाद विश्वामित्र अग्निहोत्री खोजी पत्रकारिता से रूबरू हुए खोजी पत्रकारिता (Investigative journalism), खोजी पत्रकारिता को जासूसी पत्रकारिता भी कहा जाता है। असल में तो हर प्रकार की पत्रकारिता में समाचार बनाने के लिए किसी न किसी रूप में जांच पड़ताल की जाती है यानि कुछ नया खोजने का प्रयास किया जाता है, खोजी पत्रकारिता तथ्यों को खोजने की वजह से थोड़ा अलग हटकर माना गया है। तथ्यों पर आधारित खबर को खोज कर निकालना खोजी पत्रकारिता है। खोजी पत्रकारिता वह है, जिसमें तथ्य जुटाने के लिए गहन पड़ताल की जाती है और जैसे जैसे जांच पड़ताल आगे बढ़ती है, उसी प्रकार रहस्य की परतें खुलती जाती है।खोजी पत्रकार संघ के सदस्यों को अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए ही जाना जाता है। संघ में विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज चैनल एवं पत्रिकाओं में कार्य करने वाले पत्रकार सदस्य हैं। यदि किसी भी प्रकार की जानकारी को दबाया या छिपाया जा रहा हो, जो तथ्य किसी भी प्रकार की लापरवाही, शोषण, अनियमितता, रिस्वतखोरी, गबन, भ्रष्टाचार को सार्वजनिक करता हो या जनता के धन को गलत ढंग से प्रयोग किया जा रहा हो या जनता का काम करने में जानबूझ कर अफसर आनाकानी कर रहे हों तो ऐसे समाचारों को सामने लाना खोजी पत्रकारिता है और यही खोजी पत्रकार का कत्र्तव्य भी है। सारंश यह है कि सत्य को तथ्यों के साथ खोज निकालना ही खोजी पत्रकारिता है। अपने संघ या टीम की सहायता से किसी बात की तह तक जाना और सत्य को खोज कर निकालना ही खोजी पत्रकारिता का स्पष्ट उदाहरण है। बड़े घोटालों या किसी विभाग में हो रही लापरवाही एवं भ्रष्टाचार को उजागर करना ही खोजी पत्रकारिता है। पत्रकारिता का वह रूप है जिसमें रिपोर्टर किसी एक विषय (मुद्दे) को लेकर उसकी गहन छानबीन करते हैं। भारत में खोजी पत्रकारों के द्वारा एक खोजी पत्रकार संघ(Reg.02260) बनाया गया है। जिसमें पत्रकार खबरों की जांच पड़ताल के समय एक दूसरे की सहायता करते हैं। प्रत्येक टीम में कम से कम 5 सदस्य हैं। इसी प्रकार की बहुत टीमें खोजी पत्रकारिता के माध्यम से खबरें खोज कर निकाल रही है। यह सब टीम वर्क का ही कमाल है कि समय पर खोजी पत्रकार संघ की टीम गलत कार्य करने वालों का पर्दाफाश कर रही है। बढ़ते अपराधों को देखते हुए खोजी पत्रकार संघ में नए लोग प्रवेश कर रहे हैं। खोजी पत्रकार संघ पत्रकारों की सहायाता करता है। संघ की ओर पत्रकारों को स्पाई कैमरे, माइक व अन्य सामान उपलब्ध करवाया जाता है। जिससे की पत्रकार उन दबी हुई खबरों को खोज कर निकाल सकें, जिन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा था। ऐसा कहा जाता है कि खोजी पत्रकार संघ के सदस्यों के पास हर प्रकार की जानकारी है। उनके पास खबरों के बेहतरीन सोर्स हैं। खोजी पत्रकार संघ के ज्यादातर पत्रकार समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के लिए फ्रिलांसर के रुप में काम करते हैं ओर उन्हें खबरें भेजने का कार्य करते हैं। खोजी पत्रकार संघ ही खोजी पत्रकारिता को जीवित रखे हुए हैं। खोजी पत्रकारिता में पत्रकार अपनी टीम के साथ उस खबर की इन्वेस्टिगेशन करते हैं जो कि समाज के लिए जरूरी हो। खोजी पत्रकारिता के दौरान एक खबर को कवर करने में सप्ताहभर ओर उससे भी ज्यादा लग सकता है।