झारकंडे तिवारी।

श्री झारकंडे तिवारी बिहार के रोहतास जिले के अतयंत लोकप्रिय और राजनीतिक रुप सक्रिय व्यक्ति थें। श्री तिवारी का जन्म 7 जनवरी 1936 को बिहार के शाहाबाद जिले के शिवपुर गांव में हुआ। उनके पिता श्री केशो तिवारी बिहार के प्रतिष्ठित जमींदार थें। श्री तिवारी ने शन् 1956 मे पिता श्री केशो तिवारी द्वारा निर्मित कोचस उच्च विधालय से दसवीं कि परिक्षा उतृण किया। श्री तिवारी ने शन् 1962 से लेकर 1969 तक धनबाद स्थित कोयलरी में वरिष्ठ अभियंता के तौर पर कार्य किया।

श्री तिवारी कई विधालयों व महाविधालय के सचिव व अध्यक्ष भी रहें जिन्में कोचस उच्च विधालय, शारदा संस्कृत मध्य विधालय तथा गिरीश नरायण मिश्र महाविधालय प्रमुख है।

राजनीतिक सक्रियता -

श्री तिवारी 1980,90 तथा सन् 2000 यानी तीन दसकों तक राजनीतिक रुप से अतयंत सक्रिय रहें। क्षेत्र की जनता व नेताओं में वो झारकंडे बाबा के नाम से प्रसिद्ध थें। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान से लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगरनाथ मिश्रा से श्री तिवारी के अतयंत मधुर संबंध रहें। सन् 1997 में तत्कालिन केंद्रिय दुरसंचार मंत्री रामविलास पासवान व उनकी पत्नी उनसे मिलने उनके निवास पर भी पहुंचे इतना हीं नही उस वक्त रामविलास पासवान ने श्री तिवारी को रोहतास जिला के दुरसंचार विभाग का वरिष्ठ सदस्य भी घोषित किया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे मुनिलाल भी उनसे मिलने उनके आवास पर जाया करते थें। श्री तिवारी की लोकप्रियता इतनी थी कि दिनारा विधानसभा में विधायकों के जीत व हार का निर्णय उनके समर्थन व विरोध पर निर्भर था। और यही कारण था की चुनाव में दिनारा विधानसभा का हर प्रत्यासी झारकंडे बाबा के प्रथम आशिर्वाद के लिय उनके निवास पर जरुर पहुंचता।