हार्मोनियम सम्राट पंडित मुन्नीलाल जी डांगी

सूर्य नगरी से निकलकर कोलकाता में कभी पारसी रंगमंच बाद में राजस्थान के गीत एवं नाटक प्रभाग में जिन अंगुलियों से हारमोनियम जीवंत उठता था वह डांगी घराने के जाने-माने हारमोनियम वादक पंडित मुन्नीलाल जी डांगी थे,
               संगीत निर्देशक पंडित मुन्नी लाल जी डांगी का जन्म 1924 मे जोधपुर के एक संगीत परिवार में हुआ, आपने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपनी माता जी से ली  तत्पश्चात  पंडित गोपाल दास जी डांगी और पण्डित भीष्म देव बैदी जी को आपने अपना गुरु बनाया ।
                 आप मात्र 16 वर्ष की उम्र में कोलकाता मे मून लाईट थियेटर मे संगीतकार के पद पर कार्य करने लगे, उसके कुछ वर्ष पश्चात आप मारवाड रियासत के गुणीजन खाने में संगीतकार के रूप मे आये,  पूर्व महाराजा हनुवंत सिंह जी के कार्यकाल में  विश्व विख्यात सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान की वाद्य वृंद आर्केस्ट्रा में पियानो का वादन कई वर्षो तक  किया।
      आपको शास्त्रीय संगीत व सुगम संगीत में ख्याति प्राप्त थी और आप राजस्थानी भाषा में राजस्थानी संगीत, मांड गायकी व वादन कला का पूरा अनुभव और ज्ञान था।
राजस्थानी गीतों के जनक:-
             आपके द्वारा करीब 400 से भी ज्यादा गीत लोकगीत व राजस्थानी गीत कंपोज किए गए जिसमें "पल्लो लटके ,इंजन की सीटी में मारो मन डोले, रूमाल" इत्यादि प्रमुख है जो आज भी लोगों के दिल और दिमाग पर याद रख रखा जाता है आप राजस्थानी गीतों के HMV पॉलिडोर T-series ,वीणा cassettes, मारवाड़ रिकॉर्ड कंपनी के अग्रणी संगीतकार रहे आप के संगीत निर्देशन में राजस्थानी हिंदी में कई तीज त्योहार की गीतों की रिकॉर्डिंग की गई जो आज पारंपरिक गीत बन चुके हैं  जो आज तक हर चीज त्यौहार पर गाय बजाए जाते हैं इसलिए आपको राजस्थानी व पारंपरिक गीतों के जनक भी कहते हैं।

हार्मोनियम के जादुगर:-

                      पंडित मुन्नीलाल जी डांगी की की पहचान देश के नामचीन हारमोनियम वादक मे होती है आपने अपने हारमोनियम वादन से पूरे भारतवर्ष में ख्याति प्राप्त की है आपने देश के कई विख्यात कलाकारों के साथ बतौर हारमोनियम वादन किया है जिसमें प्रमुख है भारत रत्न पंडित भीमसेन जी जोशी कुमार गंधर्व ,संगीत मार्तंड पंडित जसराज, पंडित राजन साजन मिश्र,बेगम परवीन सुलताना, कंकना बनर्जी, बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा की माता विदुषी निर्मला देवी जी , छन्नू लाल जी मिश्रा,पंडित पुरुषोत्तम दास जी पखवाज ,पंडित चतुर लाल जी ,सारंगी वादक उस्ताद गुलाब खान उस्ताद ,पद्मभूषण सुल्तान खान इत्यादि है।
          इसके साथ में आपने देश के सुप्रसिद्ध वादको के साथ भी हारमोनियम पर लहरा भी बखूबी निभाते थे आपने देश के ख्याति प्राप्त कथक नृत्य कलाकारों के साथ भी संगत की है जिसमें पदमश्री सितारा देवी जी, स्व कुंदन लाल जी गंगानी,राजेंद्र जी गंगानी प्रमुख थे ।
 पंडित की उपाधि:-
               पंडित चतुर लाल मेमोरियल सोसायटी द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगीत सम्मेलन मैं पंडित मुन्नीलाल जी डांगी ने प्रस्तुति दी वहां पर संगीतज्ञ पंडित राजन साजन मिश्रा ने पंडित डांगी को पंडित की उपाधि से विभूषित किया इस मौके पर राज्यपाल तेजेंद्र खन्ना व मेवाड़ नरेश अरविंद सिंह जी मौजूद थे।

डांगी संगीत मार्तण्ड पण्डित जसराज की पहली पसंद

               पण्डित जसराज जब भी जोधपुर प्रस्तुति देने आते थे तब जोधपुर का एक ही हार्मोनियम वादक पसंद किया जाता था वो शक्स कोई ओर नही, जोधपुर मूल के जाने माने हार्मोनियम वादक व सँगीत निर्देशक पण्डित मुन्नीलाल जी डांगी थे।
      पण्डित जसराज जी के साथ जोधपुर के मुन्नीलाल जी डांगी ने सेकड़ों कॉन्सर्ट जोधपुर व देश के अन्य शहरों में किये। 
    एक बार दिल्ली सिरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम मे रेहर्सल के समय पण्डित डांगी पीठ के पीछे हार्मोनियम रखकर बजा रहे थे तब जसराज जी का आना हुआ ओर उन्हे बजाते हुए देखा फिर उस प्रतिभा को दिल्ली की जन समूह के सामने प्रस्तूत किया|
         साथ ही डांगी जी ने संगीत निर्देशन का कार्य भी किया आप के संगीत निर्देशन में सुरेश वाडेकर,कविता कृष्णमूर्ति,उदित नारायण,आरती मुखर्जी,सोनू निगम,अलका याग्निक वह राजस्थान के कई गायक कलाकारों ने आप के संगीत निर्देशन में गाया है 

सम्मान:-

       मारवाड रत्न,आपको एचएमवी ने राजस्थानी गीतों के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर से सम्मानित किया है राजस्थान संगीत नाटक एकेडमी  ने भी आप को सम्मानित किया है जोधपुर मारवाड़ की पूर्व महाराजा गजेसिंह जी के द्वारा आपको संगीत मर्मज्ञ से भी सम्मानित किया गया है इसके अलावा राजस्थान की कई संगीत संस्थाओं ने आप को सम्मानित किया है
                  स्वर्गीय पंडित मुन्नी लाल जी डांगी को मरणोपरांत दिल्ली में हारमोनियम लीजेंड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया भैया गणपतराव मेमोरियल सोसायटी, संगीत नाटक अकादमी दिल्ली व कला परिषद दिल्ली द्वारा यह सम्मान दिया गया, इस सम्मान को प्राप्त करने वाले डांगी राजस्थान के पहले कलाकार है
      
पंडित मुन्नीलाल जी डांगी का परिवार:-
 
          पंडित मुनीलाल जी डांगी के परिवार में उनकी धर्मपत्नी सिरे कवर डांगी थी, उनके पांच पुत्र  सज्जन कुमार, सोमदत्त,संपत राज,मदन मोहन, तरुण कुमार है जो वर्तमान में संगीत का कार्य देश के ख्याति प्राप्त संगीतकारों के साथ कर रहे हैं  ,इनके पौत्र में  धर्मेश ,प्रभात,हरिओम,अश्विनी देवाशीष,गजेंद्र,ऋषभ,खुश भी डांगी घराने की परम्परा को बढा रहे हैं।

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Hello, Pandit Munnilal Dangi, and welcome to Wikipedia! Thank you for your changes. You may have problems writing in English, though. Did you know there are Wikipedias in over 300 languages? You may like to help at a Wikipedia in your language instead. Anyway, welcome to the project, and if you need help, you can visit the Teahouse. Eridian314 (talk) 19:39, 7 January 2021 (UTC)Reply

Thank You Pl this Biography show on Google forum. Pandit Munnilal Dangi (talk) 04:13, 8 January 2021 (UTC)Reply